Artificial Intelligence VS Human Intelligence In hindi?

AI पर एक और जो बड़ा विमर्श रहता है वो ये की दोनों की लड़ाई होगी तो क्या होगा। 
.

ये तो सभी जानते ही हैं की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कभी भी ह्यूमन इंटेलिजेंस जैसी नहीं हो सकती चाहे कितनी ही एडवांस्ड हो जाए, पिछली कुछ पोस्ट्स में इसके उदाहरण भी दिए हैं की क्यों। 

लेकिन हाँ उनके पास एक बड़ी ताकत ये है की Destructible नहीं है। 
यानी के जैसे इंसान को मारा जा सकता है वैसे ही रोबोट को मारा नहीं जा सकता। 
रोबोट एक प्रोग्राम है जिसका के डाटा एक रोबोट से दुसरे में आसानी से ट्रांसफर किया जा सकता है,
और उसकी भी जरूरत नहीं होगी, क्यूंकि 99% चान्सेस हैं की सभी रोबोट क्लाउड से संचालित होंगे, यानी के क्लाइंट-सर्वर आर्किटेक्चर होगा, जिसमे रोबोट में केवल मूव करने वाले हिस्से होंगे हथियार होंगे, जबकि इंस्ट्रक्शंस और डाटा सब क्लाउड पर स्टोर होगा, जैसा की एप्पल क्लाउड या गूगल क्लाउड में भी होता है। 

यानी के इंसान ख़त्म हो सकते हैं, AI नहीं। 

लेकिन ये भी बात है की क्यूंकि AI केवल एक प्रोग्राम है और अगर वो सेल्फ अवेयर हो भी गया, तो उसकी एक बिना सेल्फ अवेयर हुई कॉपी भी इंसानों के पास होगी,
जोकि AI की ही टक्कर के हथियार वाले रोबोट्स AI वाले रोबोट्स से लड़ने के लिए बना लेंगे। 
यानी के जैसे मुर्गों की लड़ाई इंसान करवाते रहे हैं, वैसे ही रोबोट्स की आपस में लड़ाई करवाते रहेंगे। 
.

खेल केवल रहेगा की इंसानों को ऐसी सेफ लोकेशन पर रहना है जहां रोबोट्स हमला ना कर सकें,
या अपनी रोबोट सेना को ऐसे मैनेज करना है की AI की रोबोट सेना पहले उनसे लडे फिर हुमंस तक पहुंचे। 

लेकिन अब यहां खेल हो जाएगा Inter-प्लानटोरी,
यानी के इंसान मार्स या किसी और गृह पर या चाँद पर बेशक ना रह पाएं, लेकिन मशीने तो रह सकती हैं,
तो वो अपने Servers वहाँ शिफ्ट कर लेंगे, जो सोलर एनर्जी से चलने वाले होंगे। 
फिर वो लड़ाई जीतने के लिए ये हो सकता है की पृथ्वी को ही ख़त्म करने की कोशिश करें,
इसलिए AI वाले रोबोट्स से पहले ही इंसानों को मार्स और चाँद को क़ब्ज़ाना पड़ेगा। 
और अगर पहले AI वाले रोबोट्स ने इनमे से किसी भी एक जगह को पहले कब्ज़ा लिया तो फिर इंसान लड़ाई हार जाएंगे,
क्यूंकि AI लड़ाई जीतने के लिए पृथ्वी को ख़त्म कर सकती है, लेकिन इंसान कभी नहीं करेंगे, क्यूंकि फिर जीत भी हार में ही  तब्दील हो जायेगी, बिना पृथ्वी के इंसान कितने साल दुसरे ग्रहों पर सर्वाइव कर पाएंगे ये सब साइंस फिक्शन का सवाल है, क्यूंकि अभी तक किसी ने बाहर रहकर ही नहीं देखा है की ग्रेविटी के Changes से इंसानी शरीर और आने वाली पीढ़ियों पर क्या असर पड़ेगा। 
.

यानि के इंसान और AI की लड़ाई अगर कभी हुई तो होगी AI को पृथ्वी तक ही सीमित रखने की। 

जोकि मैट्रिक्स फिल्म में ही दिखाया गया है। 
की इंसान पृथ्वी को इस तरह से बर्बाद कर देते हैं की सूर्य की रौशनी ही यहां ना पहुँच पाए और AI यहीं अटकी रह जाए। फिर लड़ाई बराबर की रहेगी, चाहे टर्मिनेटर टाइप हो या मैट्रिक्स टाइप।

Comments