शतरंज की कहानी
शतरंज आज एक खेल है लेकिन एक समय पर ये युद्ध नीति डिसकस करने का सिमुलेशन टूल हुआ करता था !
शतरंज हिंदुस्तान से निकला खेल है और इसका ओरिजिनल नाम चतुरंग हुआ करता था।
चतुरंग यानी चार अंग मिलिट्री के।
"infantry, cavalry, elephantry, और chariotry"
यही चारों चीज़ें आगे चलकर प्यादा, हाथी, घोडा, और ऊँट कहलाई।
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500 AD के करीब सस्सनियन एम्पायर था ईरान में,
Ardashir 1 जोकि उस एम्पायर को एस्टब्लिश करने वाला बताया जाता है वो एक अच्छे चैस प्लेयर माने जाते हैं।
पर्शियन पोएट फिरदौसी के अनुसार पर्शिया में चैस इंडिया से गया था, जब एक भारतीय राजा जोकि पर्शियन राजा का दोस्त था वो अपने युद्धों का ब्यौरा पर्शियन राजा को दे रहा था। जिसके लिए के वो शतरंज के सेट का इस्तेमाल करता था। वहीँ से पर्शिया में शतरंज पॉपुलर हुआ और एक बड़ा खेल बन गया।
चैस खेलने के तरीके पर सबसे पुराना डॉक्यूमेंट जो मौजूद है वो भी इसी सस्सनियन एम्पायर के दौरान का है।
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Bozorgmehr(500s AD) जोकि सस्सनियन राजा का मंत्री था, वो पहला व्यक्ति बताया जाता है जिसने की इस खेल में भारतीयों को हरा दिया था।
और वो भी भारतीय राजा के चैलेंज पर,
भारतीय राजा ने चैलेंज दिया था के फ़ारसी लोग दिमाग में भारतीयों से कमज़ोर होते हैं इसलिए वो कभी इस खेल में भारतीयों को नहीं हरा पाएंगे,
जिसपर के पर्शियन राजा ने अपने लोगो को चैलेंज दिया के इस खेल में भारतीयों को हराकर दिखाओ,
Bozorgmehr ने ना केवल थोड़े ही समय में खेल पर महारत पाई बल्कि भारतीय राजा और उसके सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों सबको हरा दिया इसमें !
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फिरदौसी के अनुसार इस खेल का इन्वेंशन हुआ था दो भारतीय प्रिंसेस की लड़ाई की वजह से,
वो भाई थे Talhand और Gav(अब ये कौनसे भारतीय राजघराने से थे ये मुझे नहीं पता),
खैर फिरदौसी बताते हैं की राजगद्दी के लिए दोनों भाइयों में जबरदस्त युद्ध हुआ और Talhand की मौत हो गई,
अब Gav अपनी माँ को बताते हैं उसने भाई को नहीं मारा वो केवल उसको हराकर बंदी बनाना चाहता था,
तो इसको समझाने के लिए पूरे युद्ध की सिमुलेशन की गयी एक 8 बाई 8 के लकड़ी के टुकड़े पर जिसपर की सेनाओं की पोजीशन और Talhand की पोजीशन को एनक्ट करके दिखाया गया।
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फिर सस्सनियन एम्पायर को अरब लोगों ने कब्ज़ा लिया था और ये खेल अरब पहुंचा, इस खेल का सबसे पुराना रिकार्डेड गेम भी 10 वीं सदी के अरब का ही है बगदाद का।
अरब ट्रेडर्स ने ये खेल फिर पूरी दुनिया में पहुंचाया और ये पहला ग्लोबल खेल बना दुनिया का।
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इसे आगे भी बहुत से मिलिट्री स्ट्रैटेजिस्ट इस्तेमाल करते रहे थे, जैसे की फ्रांस का नेपोलियन हमेशा चेस सेट अपने पास रखता था और इतिहास के अच्छे चेस प्लेयर्स में से माना जाता है।
19 वीं शतापदी में भी शतरंज एक मिलिट्री स्ट्रेटेजी टूल के तौर पर इस्तेमाल होता था, खासकर जर्मनी में, जहां के इसे Kriegspiel(जिसका इंग्लिश में मतलब होता है wargame) के नाम से बुलाया जाता था और मिलिट्री स्ट्रेटेजी बनाने और कमांडर्स के साथ डिसकस करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
20 वीं शतपदी में सोवियत तो इसे मिलिट्री इंटेलिजेंस का सबसे मानक मानते थे, इसलिए वहाँ चेस सबसे पॉपुलर खेल भी रहा और मिलिट्री स्ट्रेटेजी का टूल भी, और शायद इसीलिए दुनिया के ज्यादातर बेहतरीन खिलाड़ी रुस्सियन ही हुए हैं।
कोल्ड वॉर के दौरान भी शतरंज काफी पॉपुलर रहा मिलिट्री स्ट्रेटेजी में, ब्रिटिश इंटेलिजेंस में तो लगभग सारे ही बड़े स्ट्रैटेजिस्ट बेहतरीन शतरंज खिलाड़ियों को बनाया जाता था ! Prof Donald Michie को बाकायदा अमेरिकी आर्मी रिसर्च फण्ड करती थी शतरंज के आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस पर रिसर्च करने के लिए।
turing जिसने की नाज़ियों का एनिग्मा कोड तोडा था दुसरे विश्वयुद्ध में और जोकि एक बड़ा कारण बना था नाज़ियों की हार का, वो ना केवल खुद एक चेस प्लेयर था, बल्कि मीचि भी उसकी टीम में था और इंग्लैंड की पूरी शतरंज की टीम भी !
ब्रिटैन के उस समय के सबसे बड़े शतरंज खिलाड़ी Hugh Alexander को उस समय cryptoanalysis टीम का हेड बनाया गया था।
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कोल्ड वॉर के दौरान केवल मिलिट्री में ही शतरंज इस्तेमाल नहीं हो रहा था युद्ध नीति के लिए,
बल्कि वर्ल्ड चैंपियनशिप तक पहुँच गया था,
जब रूस के बोरिस स्पास्की का मैच हुआ था बॉबी फिशर के खिलाफ,
ये दुनिया का सबसे बड़ा कवर किया गया इवेंट था,
और जैसे पहले ईरान के राजा ने अपने मंत्री को भारतीय ईगो को तोड़ने का चैलेंज दिया था भारतीयों को हराने के लिए,
ऐसे ही ये मैच देखा गया था ऐसे की अमेरिकी लोग रूस के लोगों से ज्यादा नहीं तो बराबर इंटेलीजेंट तो हैं जब फिशर ने स्पास्की को हरा दिया था।
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डीप ब्लू जिसे की IBM ने बनाया था और जिसने के रूस के विश्व चैंपियन gary कास्परोव को हराया था, उसको भी बाकायदा पेंटागन ने फण्ड किया था !
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